PRAYAGRAJ ; बुखार का प्रकोप 120 बेड पे 200 बच्चे को भर्ती।

 प्रयागराज में 120 बेड के अस्पताल में 200 बच्चे भर्ती। 

सरोजिनी नायडू बाल चिकित्सालय में एक बेड पर हो रहा दो - दो बच्चों का इलाज। 

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सरोजिनी नायडू बाल चिकित्सालय में एक बेड पे दो - दो बच्चों का इलाज। 

प्रयागराज में बुखार का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है।

सरकारी दावों के बीच सरोजिनी नायडू बाल चिकित्सालय में रविवार को 120 बेड के हॉस्पिटल में 200 बच्चों को भर्ती करना पड़ा। बच्चों को सुलाने के लिए बेड की कमी पड़ गई है। एक बेड पर दो-दो बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। ओपीडी में बुखार पीड़ित बच्चों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। शनिवार को बुखार से पीड़ित एक बच्चे की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग भी हरकत में आ गया है।

ओपीडी में बढ़ी मरीजों की संख्या। 

प्रयागराज के मंडलीय बाल चिकित्सालय सरोजनी नायडू में कुल 120 बेड हैं। इधर कुछ दिनों से बच्चों में बुखार की समस्या बढ़ी है। पहले अस्पताल की ओपीडी में डेढ़ सौ से 200 मरीज आते थे लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 300 से 400 प्रतिदन हो गई है।

अस्पताल के सामने बेड का संकट। 

अस्पताल के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि उनके पास केवल 120 बेड हैं और इस समय 200 बच्चे भर्ती किए गए हैं। इन बच्चों में ज्यादातर बुखार से पीड़ित हैं। अस्पताल प्रशासन को मजबूरन एक बेड पर दो-दो बच्चों को लिटाकर उनका इलाज करना पड़ रहा है।


 सरोजनी नायडू बाल चिकित्सालय में दिन रात बढ़ रही है भीड़। 

नए मरीजों की भर्ती के लिए अस्पताल प्रशासन ने खड़े किए हाथ। 

120 बेड के अस्पताल में 200 बच्चों को भर्ती किए जाने के बाद अस्पताल खचाखच भर गया है। इस दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। अस्पताल में भीड़ बढ़ने से स्टाफ को भी काम करने में काफी दिक्कत हो रही है। बच्चों के वार्ड में बेरोकटोक लोग आ जा रहे हैं। भीड़ लगा रहे हैं। मना करने के बाद भी तीमारदार मानने को तैयार नहीं हैं।

उल्टा स्टाफ नर्स से लड़ने झगड़ने को उतारू हो जाते हैं। ऐसे में अस्पताल प्रशासन के सामने बच्चों का इलाज करने की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। बच्चों में इंफेक्शन का डर भी सताने लगा है। लिहाजा अब और बच्चों को भर्ती करने से अस्पताल प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए हैं।

उच्च अधिकारियों को मरीजों की समस्याओं से कराया गया अवगत

सरोजनी नायडू बाल चिकित्सालय के अधीक्षक मुकेश वीर सिंह कहते हैं कि इस समय बुखार पीड़ित बच्चे ज्यादा आ रहे हैं। हमारा प्रयास है कि कोई भी अस्पताल से लौटकर न जाए। हर बच्चे को इलाज मिले। इसलिए हमें मजबूरन एक बेड पर दो बच्चों को भर्ती करना पड़ा है। इस समस्या से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। मुख्य चिकित्साधिकारी नानक सरन ने कहा है कि जल्द ही 200 बेड के हॉस्पिटल में बच्चों को भर्ती कर उनका इलाज किया जाएगा ।(खबर / फोटो दैनिक भास्कर से साभार) 







Comments

  1. Children Hospital के लिए यह कोई नई बात नही है, हर साल इस तरह की परिस्थित आती है। चिकित्सक अधिकारी को सोचना चाहिए।

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